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जुबान में ढूंढते हैं प्यार भरे शब्द-हिंदी शायरी


कहां जाकर दिल बहलायें
सभी जगह दर्द का दरिया बहता पायें
ढूंढते हैं कुछ हंसते हुए चेहरे
और खुश दिल
पर कोई जानता ही नहीं
कैसे जिंदगी को जिया जाता है
सभी को अपने दर्द सहता पायें
जुबानों में ढूंढते हैं अपने लिये प्यार भरे शब्द
पर लोग अपनी दौलत और शौहरत के
ढेर पर बैठकर इतरायें
जो हाल पूछो तो
अपनी तकलीफों का सागर दिखायें
कहीं खामोशी से बैठकर सोचते हैं
तब लगता है कि
भीड़ में कहीं चैन नहीं मिलता
अकेले में बैठकर कुछ गीत गुनगुनायें
लोगों के जिस्म हैं नासाज
दिल हैं टूटे हुए
उनसे भला क्या उम्मीद लगायें

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